2021 वैश्विक TB रिपोर्ट

हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी TB रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोना महामारी के कारण टीबी उन्मूलन के प्रयासों को काफी नुक्सान हुआ हैं। जिसके कारण वर्ष 2019 से 2020 के बीच बड़ी संख्या में टीबी के मरीज जांच और इलाज से वंचित रह गए। WHO की इस रिपोर्ट में कोरोना महामारी के दौरान 197 देशों में टीबी के मरीजों से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया गया हैं।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

इस रिपोर्ट के अनुसार लगभग 28 लाख लोगों को 2020 में टीबी का Preventive Treatment मिल पाया, जो कि वर्ष 2019 की तुलना में 21 प्रतिशत कम है। Multidrug-resistant TB (MDR-TB) के लिए 2020 में कुल 1.50 लाख लोगों को इलाज मिला। 2019 में इनकी संख्या 1.77 लाख रही थी। यदि आवश्यकता के अनुसार देखा जाए तो MDR -TB के 3 में से करीब 1 मरीज को ही इलाज उपलब्ध हो पाता है।

इस दौरान टीबी की जांच और इलाज पर निवेश भी कम हुआ है। 2020 में इस क्षेत्र में 5.3 अरब डालर कर निवेश हुआ, जबकि 2022 तक सालाना 13 अरब डालर के निवेश का लक्ष्य है।

2015 से 2020 के बीच टीबी से होने वाली मौतों में भी नियंत्रित स्थापित नहीं हो पाया हैं इस दौरान मात्र 9.2 प्रतिशत की कमी आई, जबकि लक्ष्य 35 प्रतिशत की कमी का था। वही अगर इसकी तुलना वर्ष 2015 से 2020 के दौरान आबादी की तुलना में टीबी से ग्रस्त होने वालों में 11} की कमी आई, जबकि लक्ष्य 20} की कमी का था।

इस रिपोर्ट में यह चिंता भी जताई गई है कि 2021 और 2022 में टीबी के नए मरीजों और इससे जान गंवाने वालों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।

तपेदिक (ट्यूबरक्लोसिस)

यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (एमटीबी) बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है।

यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है और शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है।
सक्रिय टीबी के लक्षणों में शामिल हैं- रक्तयुक्त बलगम के साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना और वजन कम होना।

यह 2 प्रकार का होता है:

  1. सक्रिय टीबी- टीबी के कीटाणु प्रजनन करते हैं और शरीर में फैल जाते हैं, जिससे उत्तक को नुकसान पहुँचता है।
  2. अव्यक्त टीबी- शरीर में टीबी के कीटाणु सुप्तावस्था में होते हैं। यह बहुत लंबे समय तक चल सकता है।

यह कैसे फैलता है?

खांसी, बोलने, थूकने या छींकने से यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाती है। हालांकि, अव्यक्त टीबी से संक्रमित वाले लोग इसे नहीं फैलाते हैं।

टीबी का निदान कैसे किया जाता है?

एक्टिव टीबी के लिए- चेस्ट एक्स-रे, सूक्ष्म जांच और शरीर के तरल पदार्थों की जांच।

अव्यक्त टीबी के लिए- इसमें ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट (TST) या रक्त परीक्षण होता है।

निवारण

टीबी को रोका जा सकता है,

  • उच्च जोखिम वाले लोगों की जांच करके
  • मामलों का शीघ्र पता लगाने और उपचार के माध्यम से
  • बैसिलस कैलमेट-गुएरिन (BCG) वैक्सीन द्वारा
  • उपचार में लंबे समय तक कई एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग शामिल है।

चिंताएं

वर्तमान में, एंटीबायोटिक प्रतिरोध एक बढ़ती हुई समस्या है। कई दवा प्रतिरोधी तपेदिक (MDR-टीबी) और बड़े पैमाने पर दवा प्रतिरोधी तपेदिक (XDR-टीबी) के मामलों की संख्या बढ़ रही है।

भारत में टीबी को खत्म करने की पहल

भारत ने 2025 तक तपेदिक को खत्म करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम को महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ संरेखित करने के लिए शुरू किया गया है।

टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान सितम्बर, 2019 में लांच किया गया था। निक्षय इकोसिस्टम जो एक राष्ट्रीय टीबी सूचना प्रणाली है और रोगियों की जानकारी का प्रबंधन और कार्यक्रम की गतिविधियों की निगरानी के लिए एक स्टॉप सॉल्यूशन है।

निक्षय पोशन योजना (NPY) को टीबी रोगियों को उनकी पोषण संबंधी जरूरतों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) द्वारा डीआर-टीबी रोगियों को मनो-सामाजिक परामर्श प्रदान करने के लिए सक्षम परियोजना शुरू की गई है।

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