भारत ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट को ख़ारिज किया

हाल ही में, आयरलैंड की कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी की वेल्ट हंगर हाईलाइफ द्वारा जारी ग्लोबल हंगर रिपोर्ट को भारत सरकार ने चौकाने वाला बताते हुए इसे ख़ारिज कर दिया हैं। इस सम्बन्ध में भारत सरकार का कहना हैं रिपोर्ट के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली “अवैज्ञानिक” थी।

गौरतलब है कि इस वर्ष जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत इस वर्ष 101 वे स्थान पर पहुंच गया हैं। वही पिछले वर्ष भारत का स्थान 94वां था। जिसके बाद भारत अब अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे है।

मुख्य बिंदु

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (WCD) ने इस सम्बन्ध में एक बयान जारी कर कहा कि यह चौंकाने वाला है कि ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 2021 ने कुपोषित आबादी के अनुपात के आधार पर FAO के अनुमान के आधार पर भारत का रैंक नीचे किया है। जो जमीनी हकीकत और तथ्यों से रहित पाया जाता है और गंभीर कार्यप्रणाली मुद्दों से ग्रस्त है। ग्लोबल हंगर रिपोर्ट, कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्थुंगरहिल्फ़ की प्रकाशन एजेंसियों ने रिपोर्ट जारी करने से पहले अपना उचित परिश्रम नहीं किया है।

यह आकलन गैलप द्वारा “टेलीफोनिक रूप से” किया गया था – एक अमेरिकी विश्लेषिकी और सलाहकार कंपनी जो विश्व स्तर पर जनमत सर्वेक्षण करती है। गौरतलब है कि अल्पपोषण के वैज्ञानिक माप के लिए वजन और ऊंचाई की माप की आवश्यकता होगी, जबकि यहां शामिल पद्धति जनसंख्या के शुद्ध टेलीफोनिक अनुमान के आधार पर गैलप सर्वेक्षण पर आधारित है।

किसी भी रिपोर्ट की विश्वसनीयता को परखने के दो पैमाने होते हैः उसे बनाने वाले की पृष्ठभूमि और दूसरा, उसे तैयार करने की प्रक्रिया। इस लिहाज से सबसे पहली बात जो इस इंडेक्स के बारे में ध्यान रखनी चाहिए, वह ये कि इसे बनाने वाली ये दोनों ही संस्थाएं गैर-सरकारी हैं। पश्चिमी संस्थाओं में एशिया और विशेषतौर पर भारत के प्रति पूर्वग्रह जगजाहिर है। पूरी दुनिया में मानवाधिकार को बचाने के लिए कथित तौर पर काम करने वाली एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसी संस्थाएं अक्सर आतंकवादियों के पक्ष में लॉबिंग करने के लिए कुख्यात हैं।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स के पैरामीटर

हंगर इंडेक्स में अंक देने के तीन मुख्य पैरामीटर हैं – अपर्याप्त खाद्य आपूर्ति, बाल मृत्यु दर (5 वर्ष से कम) और बाल कुपोषण। इन तीनों का वेटेज 33.33% है। इनमें बाल कुपोषण को मापने के दो पैमाने है – वेस्टिंग और स्टंटिंग। वेस्टिंग मतलब बच्चे का वजन उम्र के लिहाज से मानक से कितना कम है और स्टंटिंग का मतलब बच्चे की ऊंचाई, उम्र के लिहाज से मानक से कितना कम है। इन दोनों पैमानों का वेटेज 33.33% में आधा-आधा बंटता है।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *